Friday, July 11, 2014

36 वाँ महाअधिवेशन आज दिनाँक 11 12 जुलाई 2014

राज्यकर्मियों की समस्याएं सदन सेसरकार तक पहुचाऊगाॅ ः माताप्रसाद
असली परिषद यही, कर्मचारी गुमराह न होःसुकुललखनऊ, 11 जुलाई। उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मियों का शीर्ष एवं संवैधानिकसंगठन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का 36 वाॅ महाधिवेशन विश्वेश्रैया
प्रेक्षागृह में आयोजित महाधिवेशन का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधानसभाअध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय, पी0एन0सुकुल, प्रदीप दुबे ने दीपप्रज्वलित  कर किया। श्री पाण्डेय ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहाकि जब से राज्यों का गठन हुआ है तब से सरकार की योजनाओं को अमली जामा
पहनाने का काम कर्मचारियों के हिस्से में आया है। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुचाने के लिए संगठन की जरूरत पड़ी ओर संगठनों और संघों का गठन हुआ है। आपकी परिषद के बारे में मैं अपने शैक्षिककाल से अवगत हूॅ। जब आपकी बात सरकार तक नही पहुंेच पाती तो ऐसे
वक्त पर धरने और आन्दोलन की जरूरत पड़ती है लेकिन आपकों इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इससे जनता प्रभावित न हों। क्योकि इस दौरान जनता की  आपसे भी बहुत अपेक्षाएं होती है। सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों के मुकाबले समाज में आपका महत्व ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी समस्याओं का  मैं सीधे तो निराकरण कर नही सकता यह सरकार का काम है लेकिन मै सदन के माध्यम से कर्मचारियों की समस्या सरकार तक अवश्य पहुचाऊगां। उन्होंने कहा दिक्कत तब पैदा होती है जब कोई शासनादेश होता है लेकिन उसके क्रियान्यवयन में लेतलतीफी या लापरवाही बरती जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी सरकार और जनता के बीच की कड़ी है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रमुख अतिथि पूर्व अध्यक्ष परिषद एवं परिषद के संस्थापक महामंत्री और राज्यसभा सांसद पी.एन. सुकुल ने कहा कि
कर्मचारियों की हितों की रक्षा का साहस कम ही लोगों में होता है। निजी स्वार्थो के चलते कर्मचारियों के बीच विघटन की राजनीति पैदा होने से संघों और परिषदों की शक्ति कम हो रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी इस बात से भली भाॅति अवगत हो ले कि यही वास्तविक और संवैधनिक रूप से बनी हुई असली परिषद है, बाकी की दो परिषदें कर्मचारियों को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को कर्मचारी के हितों की अनदेखी नही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था  बहाल करके सरकार कर्मचारियों के बीच अपने विश्वास को और मजबूत कर सकती हैं वैसे भी इस मांग के लिए प्रदेश के ही नही बल्कि पूरे देश के कर्मचारी अब लामबन्द हो रहे हैं। 26 फरवरी, 1966 को जब परिषद का गठन हुआ था तब कोई संगठन नहीं था, आज परिषद देश का सबसे बड़ा संगठन है। परिषद के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि आज प्रदेश का कर्मचारी तरह तरह की जायज
समस्याओं से जूझ रहा है इसके ठीक विपरीत कुछ संगठन कर्मचारी हित छोड़कर अपना हित साधने में लगे है। यही कारण है कि मुख्य सचिव के आदेश का पालन होने से कर्मचारियोंे की जायज समस्याओं का निराकरण भी समय पर नही हो पा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार की अनदेखी और आला अफसरों के निजी स्वार्थ के चलते भ्रष्टाचार ने नीचे से लेकर ऊपर तक अपनी पैठ बना ली है। ऐसे में जायज कार्यो के लिए भी हमें तथा जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। अधिवेशन को सम्बोधित करते हुये श्री प्रदीप दूबे, प्रमुख सचिव,विधान सभा ने अधिवेशन की सफलता की कामना के साथ परिषद को धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री माताप्रसाद पाण्डेय,प्रमुख सचिव विधानसभा श्री प्रदीप दुबे, पूर्व अध्यक्ष पी.एन. शुक्ल, राम
जी अवस्थी, श्री वशिष्ठ नारायण सिंह, निर्मल शंकर श्रीवास्तव, गिरीश चन्द्र मिश्रा, यू0पी0 सिंह, हसीबुद्दीन, दिनेश चन्द्र वाजपेयी, सुनील दत्त श्रीवास्तव, ने परिषद की स्मारिका ‘‘ तूर्य’’ का विमोचन किया। महाधिवेशन को महामंत्री, शिवबरन सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी,सुरेश रावत, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के पूर्व अध्यक्ष विष्णु तिवारी, इं. एस.पी. श्रीवास्तव, वर्तमान अध्यक्ष इं. एस.पी. मिश्रामहामंत्री एस.के. पाण्डेय सहित कई वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं और सम्बद्ध
संघों और संगठनों के अध्यक्ष और महामत्रियों ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम में घटक संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्रियों ने इं. पी.के. मिश्रा, इं. सुभाष श्रीवास्तव, इं. ओ.पी. श्रीवास्तव, इं. एस.डी.
द्विवेदी, इं. मिर्जा फिरोज शाह, डी.एन. सिंह, इं. शिव शंकर सिंहश्रीमती शोभा शर्मा, श्रीमती मणि अय्यर, रेनू शुक्ला, बी.एस. डोलियाअमिता त्रिपाठी, संजीव गुप्ता, अविनाश श्रीवास्तव, अशोक दुबे, इं. एल.एन. सचान, इं. दिवाकर राय, एन.डी. द्विवेदी, एस.के. त्रिपाठी, ए.के. मिश्रा,जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय, महामंत्री सुशील कुमार बच्चा,  सहित दर्जनों कर्मचारी नेताओं ने भागीदारी दर्ज कराई। कार्यक्रम का संचालन इं. रविन्द्र श्रीवास्तव ने
किया। महाधिवेशन के दूसरे दिन कल आन्तरिक सत्र के बाद चुनाव सम्पन्न कराये जाएगे। अधिवेशन में गंूजा शासनादेश और आदेश अनदेखी का मामला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के 36 वें महाधिवेशन में सबसे खास बात यह रही कि     अधिवेशन के दौरान जो भी कर्मचारी नेता सम्बोधित करने के लिए उठा उसने इस बात को जरूर दृष्टिपात किया कि सरकार का शीर्ष नौकरशाह अगर कोई आदेश करे और उसका अनुपालन न किया जाए तो उस सरकार का क्रिया कलाप और कार्यक्रमों का सचालन क्या विधिवत हो सकता है। वक्ताओं ने उदाहरण देते हुए कहा कि नौकरशाही का मुख्य चेहरा मुख्य सचिव होता है, मुख्य सचिव का आदेश एक तरह से सरकार का आदेश माना जाता हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में शायद ऐसा सालों से नही हो रहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक आदेश किया था कि वे संघों की नियमावली के अनुसार गठित संघों एवं परिषदों, महासंघों से ही वार्ता करेगें। कार्मिक विभाग की नियमावली के मुताबिक जिन संघों, परिषदों और महासंघों का संचालन सेवानिवृत्त कर्मचारी कर रहे होगें उनसे वार्ता नही की जाएगी। लेकिन इसके ठीक विपरीत कुछ नौकरशाह कर्मचारी संघों, परिषदों में गुटबाजी को बढ़ावा देने के लिए लगातार इस आदेश का उल्लंघन कर रहे है तथा करा रहे
है। यही नही मुख्य सचिव का एक और आदेश हुआ कि लगातार कर्मचारियों की छोटी छोटी समस्याएं बढ़ रही है अतः इनका निराकरण विभागीय स्तर पर हो जाना चाहिए इसके लिए आदेश हुआ कि हर विभागाध्यक्ष, विभाग का प्रमुख सचिव अपने विभाग के संघ, परिषद, महासंघ के पदाधिकारियों के साथ माह में एक बैठक अवश्य करे लेकिन इसका अनुपालन भी नही किया गया। ऐसे में कर्मचारी समस्याएं बढ़ेगी और सरकार के प्रति कर्मचारियों की विश्वास कम होगा। अतः
या तो इस तरह के आदेश न हो अगर होते है तो उनका शतप्रतिशत अनुपालन होना चाहिए।
        अधिवेशन के द्वितीय सत्र में गत वर्ष का बजट पारित किया गया, दो वर्षों का बजट प्रस्तुत किया गया, संविधान संशोधन के प्रस्ताव को प्रस्तुत करते हुये पारित कराया गया, मांग पत्र पर चर्चा के उपरान्त पारित किया गया।

                                                                     ( मनोज कुमार श्रीवास्तव)
                                                                                मीडिया प्रभारी

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